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चमोली जिला सहकारी बैंक लिo  एक परिचय

चमोली जिला सहकारी बैंक की स्थापना 30 नवम्बर 1961 को की गयी थी तथा उसी दिन से बैंक ने अपना बैंकिंग कारोबार शुरू कर दिया था। बैंक को बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (ससयप्र) की धारा 22 के अन्तर्गत भारतीय रिजर्व बैंक के दिनाॅक 29 सितम्बर 1981 लाइसेन्स संख्या एसीडी/यूपी-34 प्रदान किया गया, इसके बाद नया लाइसेन्स संख्या आरपीसीडी/09/2012 दिनाॅक 16 फरवरी द्वारा लाइसेन्स प्राप्त था परन्तु जिला रूद्रप्रयाग में टिहरी जिला सहकारी बैंक लि0 की 03 शाखाएॅ एवं सम्बन्धित 11 पैक्स कार्यरत हैं।

उत्तराखण्ड राज्य में सहकारिता का त्रि-स्तरीय ढाॅचा अपनाया गया है ,जिसमें बुनयादी स्तर पर प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समिति (पैक्स) नामक संस्था कार्य करती है एवं जिसका गठन सामान्यतः न्याय पंचायत स्तर पर किया जाता है, मध्यम स्तर पर जिला सहकारी बैंक जिसे केन्द्रीय सहकारी बैंक के नाम से भी जाना जाता है एवं शीर्ष स्तर पर राज्य सहकारी बैंक होता है।

जहाॅ प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समितियाॅ सदस्य कास्तकारों की प्रत्यक्ष ऋण सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करती हैं वही राज्य सहकारी बैंक उच्च वित्तीय संस्थाऐं नाबार्ड एवं भरतीय रिजर्व बैंक से प्रत्यक्ष सम्पर्क कर वित्त की व्यवस्था करता है एवं जिला सहकारी बैंक उक्त दोनों संस्थाओं की मध्यस्थता का कार्य करता है।

 

सहकारिता के प्रत्येक स्तर की संस्था में एक लोकतान्त्रिक व्यवस्था होती है जिसके संचालक मण्डल में एक अध्यक्ष के अतिरिक्त कुछ अन्य सदस्य होते हैं, जिसमें कुछ पदेन एवं कुछ निर्वाचित सदस्य होते हैं, निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल 05 वर्षों का होता है। सहकारिता का इतिहास भारत में बहुत पुराना रहा है जिसकी शुरूआत सन 1904 के सहकारिता आन्दोलन से हुई थी।

 

वर्तमान समय में चमोली जिला सहकारी बैंक में जिला चमोली एवं रूद्रप्रयाग में कुल 27 शाखाऐं एवं 80 प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियाॅ कार्यरत हैं। चमोली जिला सहकारी बैंक एवं सहकारिता को स्थापित करने में उन महान पुरूषों का नाम अविस्मरणीय रहेगा जिन्होने दृढ इच्छा शक्ति एवं अतुल्नीय प्रयासों के द्वारा इस संस्था की स्थापना में अमूल्य योगदान दिया।